Tuesday, January 17, 2023

||ये उत्कर्ष ||



उद्गम का उत्कर्ष है ये, 
उन्माद का उत्कर्ष,
उद्घोष का उत्कर्ष है ये,
उल्लास का उत्कर्ष।


संग सभी का हर्ष है ये,
संघर्षों में उत्कर्ष,
जन-मानस को कर्ज दे ये,
जनाधिकारों का उत्कर्ष।


बढ़ने की आस दे ये,
बढोतरी का उत्कर्ष,
गांव शहर समेट देवे,
उम्मीदों का खाता ये उत्कर्ष।


अशक्त के अंधेरे को मिटाता,
आशा की किरण सा उत्कर्ष,
दुर्बल को बलवान बनाता,
शक्तिवान ये उत्कर्ष।।


1 comment:

Anonymous said...

Pankaj kumar- wonderful lines.