Thursday, April 14, 2011

सत्य वचन

सत्य वचन अब असत्य है,
वचन का आधार ही असत्य है,
वचन की सत्यता को जाचना अन बेमानी है,
अब तो असत्य वचन ही सत्य की कहानी है |




रोब झाड़ना अब तो फैशन है,
असत्य वचन ही तो तशन है,
असत्यता के गीत गुनगुनाना ही अब सत्य है,
|सत्य वचन अब असत्य है|




विद्वानों को अब कौन पूछे,
अब सब पैसे वालों के पीछे,
वह धन लुटाये तो सत्यवादी हैं,
अन्यथा बकवादी हैं,
|सत्य वचन अब असत्य है|




कौन जाने किस देस हम चले,
मूल्यों, संस्कारों से किनारा कर चले,
मंजिल विनाश को जाती, हम ये भी जानते,
तब भी असत्यता के भंवर में गोते लगाते,
|सत्य वचन अब असत्य है|

7 comments:

Shreyas said...

अति उत्तम कवि जी |

arpit said...

really satya vachan..

Sheyansh said...

@shreyas :thanks brother..love you :)

@ Arpit : thank you :)

Shishir KS said...

Bahut hi satya vachan hai bhai.. :D

Sheyansh said...

@sais:dhanyvad mitr :)

Daksha said...

wah wah :) Satya ab asatya ki dhundh main kho gaya hai....

Sheyansh said...

@daksha: hmm shayad ye hi naya satya hai :)
thanks