मेरे साथ तू बड़ा हुआ, पर हमेशा मुझसे बड़ा रहा,
हमेशा मेरे साथ रहा तू ,हर मुसीबत में खड़ा रहा,
पास हरदम रहा तू, पर हमेशा मुझसे जुदा रहा,
है तू भाई या फ़िर दोस्त? मैं इस उलझन में पड़ा रहा..
तुने क्या सिखलाना चाहा, मैं न समझ पाया,
बस तेरे साथ हो लिया, मैं न रुक पाया,
दोस्त आये और गए, हवा का झोका चलता रहा,
हमेशा मेरा दोस्त रहा तू, बस इसके सहारे मैं जीता रहा..
माँ को हो मनाना, या हो पापा को समझाना,
तेरे तरीके लाजवाब, होता खुशी का खज़ाना,
तेरे बिना हम अधूरे, हमारे बिना तू अफसाना,
रूठ न जाना हमसे, चलता रहेगा प्यार का तराना ..
Love you Guttush-Goldy :)
1 comment:
मस्त कविता
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